Sunday, November 29, 2015

सिर्फ ज्ञान ही आपको आपका हक़ दिलाता है...


Here is the first post of my new blog, i decided to i will share those lines that, ever touched strings of my heart. I will post those, along the source and the author i have found that. Also, so far i have experienced that, no matter in what mood or in what situation a poet or a writer write something but, whatever he write become universal, if you read it by your heart, you can connect with those lines.
     I believe poet don't write anything to themselves but he discover something which is already rhymed and set. he do it by his power of thinking and understanding. I love to write and to read others, so along with my own writing that i publish frequently publish on shrdhanjali.blogspot.in, i decided to share my favorites....
     यह कविता मैंने अपने दोस्त के यहाँ पहली बार पढ़ी, सच है की जहा असल में ज्ञान की बात होती है वहा ज्ञान के अलावा कुछ काम नहीं आता... वह लोग जो शिकायते करते है, आन्दोलन करते है, कही न कही ये पंग्तिया एक बड़ा सन्देश देती है उन सभी को.... 


जीवन पथ जटिल है ये,कालचक्र कठिन है ये ,
पग पग पे भेद-भाव है,रक्त-रंजित पांव है.
जन्म से किसी के सर वंश की छांव है,
झूठ के रथ पे सवांर डाकुओ का गाँव है,
किसी के पास है छल कपट ,किसी को रूप का वरदान है,
ये सोच कर मत बैठ जा की ये विधि का विधान है.
बज रहा मृदंग है,ये कहता अंग अंग है ,
की प्राण अभी शेष है,मान अभी शेष है,
उठा ले ज्ञान का धनुष ,
एक कण भी और कुछ मत मांग भगवन से .
ज्ञान की कमान पे लगा दे तू विजय तिलक,
कल के कपल पे लिख दे तू ये गुलाल से ,
"की रोक सकता है कोई तो रोक क्र दिखा मुझे,
हक़ छीनता आया है जो अब छीन के बता मुझे."
ज्ञान के मंच पे सब एक समान है ,
विधि का विधान पलट दे ,वो ब्रम्हास्त्र ज्ञान है.
तो आज से ये ठान ले ,ये बात गांठ बांध ले,
की कर्म के कुरुछेत्र में
न रूप कम आता है,न झूठ कम आता है,
न जाती कम आती है,न बाप का नाम काम आता है , 
सिर्फ ज्ञान ही आपको आपका हक़ दिलाता है------


source: K.B.C